Wednesday, June 10, 2020

Knowledge of Bible

             परमात्मा साकार रूप में है
पवित्र बाईबल में प्रमाण है परमात्मा साकार है,निराकार नही ओर मनुष्य सदृश्य है।


वह परमात्मा अविनाशी है, उसका जन्म-मरण नही होता है, सभी सधग्रन्थों में इसका प्रमाण मिलता है।
वह सबका मालिक है, सर्वसृष्टि रचने वाला है।
उस अविनासी परमात्मा का जन्म माँ के गर्भ से नही होता है, वो प्रभु तो अपने निज लोक से धरती पर सशरीर आता है,सशरीर ही जाता है।
जबकि यीशु जी जन्म तो मरियम के गर्भ से हुआ था तो उनका तो जन्म मरण है।
     

वह प्रभू सशरीर है

पवित्र बाईबल (उत्पत्ति ग्रन्थ) से सिद्ध होता है कि परमात्मा मानव सदृश शरीर में है, जिसने छः दिन में सर्व सृष्टी की रचना की तथा फिर विश्राम किया।
   


भगवान ने मनुष्य को शाकाहारी भोजन खाने का आदेश दिया है - पवित्र बाईबल में प्रमाण
परमात्मा ने छः दिन में सृष्टी रची और सर्व मनुष्यों के
आहार के लिए आदेश किया था कि मैंने तुम्हारे खाने के लिए फलदार वृक्ष तथा बीजदार पौधे दिए हैं। मांस खाने का आदेश नहीं दिया प्रभु ने।
जो व्यक्ति एक तरफ परमात्मा की भक्ति करते हैं दूसरी ओर उसी के प्राणियों की हत्या करते हैं। ऐसे प्रभु कैसे खुश नहीं होता। जिसका परिणाम आज सबके सामने है।
पवित्र बाइबल में उत्पत्ति 1:29 पर फिर परमेश्वर ने कहा सुनो जितने बीज वाले छोटे छोटे पेड़ सारी पृथ्वी के ऊपर है और जितने वृक्षों में बीज वाले फल होते हैं वे सब मेंने तुम को दिए हैं वह तुम्हारे भोजन के लिए हैं।

आज़ का मानव समाज मांस खाकर महापाप का भागी बन रहा है।
पूर्ण परमात्मा कौन है
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पवित्र बाइबल में भगवान का नाम कबीर है - अय्यूब 36:5। यहां स्पष्ट है की कबीर ही शक्तिशाली परमात्मा है।
ईसा मसीह परमात्मा के पुत्र थे। पूर्ण परमात्मा कबीर साहेब ही सबके पिता हैं, उत्पत्ति कर्ता हैं। वही असली माता-पिता,भाई बंधु हैं। वह काल की तरह कभी धोखा नहीं देते।

सर्वशक्तिमान प्रभु कबीर साहेब

हजरत ईसा मसीह की मृत्यु 30 वर्ष की आयु में हुई जो पूर्व ही निर्धारित थी। स्वयं ईसा जी ने कहा कि मेरी मृत्यु निकट है तथा तुम शिष्यों में से ही एक मुझे विरोधियों को पकड़वाएगा और वो मुझे मार देंगे। इससे सिद्ध है हज़रत ईसा जी ने कोई चमत्कार नहीं किया ये सब पहले से ही निर्धारित था
काल (ब्रह्म) पुण्यात्माओं को अपना अवतार (रसूल) बना कर भेजता है। फिर चमत्कारों द्वारा उसको भक्ति कमाई रहित करवा देता है। उसी में कुछ फरिश्तों (देवताओं) को भी प्रवेश करके
कुछ चमत्कार फरिश्तों द्वारा उनकी पूर्व भक्ति धन से करवाता है। उनको भी शक्ति हीन कर देता है।

यदि पूर्ण परमात्मा ईसा जी का रूप धारण करके प्रकट नहीं होते तब ईसा जी के पूर्व चमत्कारों को देखते हुए ईसा जी का अंत देखकर कोई भी व्यक्ति भक्ति साधना नहीं करता, नास्तिक हो जाते।
(प्रमाण पवित्र बाईबल में यूहन्ना 16: 4-15) ब्रह्म(काल) यही चाहता है।
ईसा मसीह की मृत्यु के तीसरे दिन स्वयं पूर्ण परमात्मा कबीर साहेब ही आये थे भक्ति की लाज रखने के लिए। अन्यथा काल ब्रह्म भगवान से विश्वास ही उठा देता लोगों का।
पवित्र बाइबिल के ज्ञान से स्पष्ट होता है कि पूर्ण परमात्मा कबीर साहेब ही है, जिनका सभी सधग्रन्थों मे जिक्र किया गया है, पवित्र कुरान में भी कबीर अल्लाहु अकबर के नाम से जिक्र है।
वह परमात्मा सबका रचयिता ओर पालनहार है।
सम्पूर्ण सृष्टि उसी ने बनाई है।
वह जगत का पिता परमेश्वर है।
ओर आज ये तत्वज्ञान ओर सभी सधग्रन्थों का ज्ञान इस पूरे विश्व में सन्त रामपाल जी के अलावा कोई नही बता सकता है।
सभी शास्त्रो का ज्ञान प्रमाण के साथ बता रहे
हैं।
पूर्ण मोक्ष का मार्ग ओर सतभक्ति सन्त रामपाल जी महाराज ही बता रहे हैं उनके अलावा पूरे विश्व मे ऐसा ज्ञान ओर ऐसी भक्ति नही।
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