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Wednesday, June 3, 2020

True spiritual knowledge of Lord kabir

             कबीरपरमेश्वर का अद्भुतज्ञान
         💦 🌹कबीर साहेब ही पूर्ण प्रभु है 🌹💦
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कबीर परमेश्वर जी ने सभी धर्मों के लोगों को संदेश दिया कि सब मानव एक परमात्मा की संतान है। परमात्मा ने सबको एक बनाया है। अज्ञानता वश हम अलग-अलग जाति धर्मों में बंट गये। भगवान के घर कोई जाति धर्म नहीं है।
कबीर परमात्मा द्वारा बताई सृष्टि रचना की जानकारी से ही हमे पता चलता है कि गीता का ज्ञान श्रीकृष्ण में प्रवेश करके काल/ब्रह्म ने बोला, ब्रह्मा विष्णु शिव भी जन्म मृत्यु में है, तथा इनके भी माता पिता है। इसका प्रमाण अन्य शास्त्रों में भी मिलता है।
कबीर परमेश्वर ने ही बताया है कि सर्व मनुष्य एक प्रभु के बच्चे है, जो दो मानता है वह अज्ञानी है

कबीर अलख इलाही एक है, नाम धराया दोय ।
कहै कबीर दो नाम सुनि, भरम परो मति कोय ।।
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    कबीर परमात्मा जी ने सभी मनुष्यों को एकभाव होने का संदेश दिया।

जीव हमारी जाति है,मानव धर्म हमारा।
हिंदू मुस्लिम सिक्ख ईसाई, धर्म नहीं कोई न्यारा।।

हिंदू मुस्लिम सिक्ख ईसाई, आपस में सब भाई-भाई।
आर्य जैनी और विश्‍नोई, एक प्रभु के बच्चे सोई।।
  
                 


तीन देव की जो करते भक्ति, उनकी कभी न होवै मुक्ति।

कबीर परमेश्वर ने बताया कि रजगुण ब्रह्माजी, सतगुण विष्णुजी, तमगुण शिवजी तक की साधना करने वाले साधकों की मोक्ष नहीं हो सकती।
कबीर परमात्मा ने संसार रूपी वृक्ष की सही-सही यथार्थ जानकारी बताई। (गीता अ15, श्लोक1-4)

"अक्षर पुरुष एक पेड़ है, निरंजन वाकी डार,
तीनों देवा शाखा है, ये पात रूप संसार।"

कभी परमेश्वर जी ने मानव को समझाते हुए कहा कि मनुष्य जीवन में भक्ति करना अत्यावश्यक है अन्यथा जीवन हानि होगी तथा नरक व चौरासी का कष्ट भुगतना पडेगा।



कबीर, मानुष जन्म पाय कर, नहीं रटे हरि नाम।
जैसे कुआं जल बिना, बनवाया किस काम।।


कौन ब्रह्मा का पिता है, कौन विष्णु की मां
शंकर का दादा कौन है, हमको दे बता‌?

कबीर परमेश्वर जी ने सृष्टि रचना में ब्रह्मा विष्णु महेश के माता-पिता और दादा की संपूर्ण जानकारी प्रमाण सहित बताई।
कबीर परमेश्वर ने बताया कि ब्रह्मा, विष्णु, महेश की भी जन्म तथा मृत्यु होती है। इनकी माता दुर्गा तथा पिता काल (ब्रह्म) हैं।

कबीर, मां अष्टांगी पिता निरंजन, ये जम दारुण वंशन अंजन।
तीन पुत्र अष्टंगी जाए, ब्रह्मा विष्णु शिव नाम धराए।

कबीर परमेश्वर जी ने बताया कि तीर्थ व्रत तर्पण श्राद्ध तथा आन-उपासना से लाभ है या हानि?
कबीर परमेश्वर जी ने लोगों को धार्मिक पाखंडवाद, अंधविश्वास, कर्मकांड तथा शास्त्रविरुद्ध साधना से दूर रहकर एक पूर्ण परमात्मा की भक्ति करने का संदेश दिया।


एकै साधे सब सधे, सब साधे सब जाय।
माली सीचैं मूल‌ कूं, फलै फूले अघाय।।
कबीर परमेश्वर जी ने शास्त्रानुकूल भक्ति तथा शास्त्रविरूद्ध भक्ति का भेद बताया। शास्त्र अनुकूल साधना करने से ही सुख व मोक्ष संभव है।
गीता अ.16, श्लोक 23-24
कबीर परमेश्वर जी ने भक्ति एवं पूर्ण मोक्ष के लिए तत्वदर्शी संत की शरण में जाने का मार्ग बताया। (गीता अ-4, श्लोक-34)
कबीर परमेश्वर जी ने ज्ञान दिया कि पूरे गुरू की पहचान होगी वह मोक्ष के तीन नाम प्रदान करेगा। (गीता अध्याय 17 श्लोक 23)

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